हाथी दादा
हाथी दादा,उठा के बस्ता
पढने को स्कूल गए,
गुल्ली-डंडा,आँख-मिचौली
पतंग उडाना भूल गए.
बच्चे उनको खूब चिढाते
मोटू-मोटू कहते थे,
हाथी दादा कुछ न कहते
चुपचाप सुनते रहते थे.
हाथी दादा पढते खूब
कभी न जाते देर से,
परीक्षा में पास हुए
और नंबर लाए ढेर से.
मैडम ने की खूब बडाई
और दी उनको टाफी,
बच्चों ने अपनी गलती की
मांगी उनसे माफी.
nice poem
जवाब देंहटाएंबाल-कविता के लिए तो जैसे तरस गए थे| आपने प्यास बुझा दी| अगली रचनाओं की प्रतीक्षा है|
जवाब देंहटाएंपेंड्रा में गर्मी कैसी है इन दिनों?
बहुत सुन्दर बाल कविता
जवाब देंहटाएंTafi paker bola hathi oont bhi hai mera saathi
जवाब देंहटाएंjaise oont ke muh me jeera vaise mere muh me tafi
बच्चों के लिए सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंvivj2000.blogspot.com
सुन्दर बालकविता. अफ़सोस यही है कि संभवतः बच्चे, जिनके लिए यह कविता लिखी गयी है, ब्लॉग कम पढ़ते हैं.
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